आखिर विवादों के बीच हो गया राजतिलक!
धर्मेंद्र सिंह बने शक्ति के पांचवे राजा





पिछले कई दिनों से चल रहे राजतिलक विवाद आज एक मोड़ पर पहुंच गया जब राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह का सकती के पांचवे राजा के तौर पर राज्य तिलक हो गया राजा धर्मेंद्र सिंह सकती सियासत के पांचवे राजा है

1865 में राज्य के अस्तित्व में आने के बाद सबसे पहले राजा बने थे हरि गुर्जर उनके बाद उनके पुत्र नारायण सिंह राजा बने नारायण सिंह के कोई पुत्र नहीं था इसलिए उनके भतीजे लीलाधर सिंह को गोद लेकर उन्हें राजा बनाया गया उनके पुत्र जीवन बहादुर सिंह कि राजा बनने से पहले ही मृत्यु हो गई इसलिए राजा लीलाधर के बाद उनके पोत्र राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को बहुत छोटी सी उम्र में राजा बनाया गया

अब उनके लगभग 60 वर्षों के बाद राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के जन्म दिवस पर कुंवर धर्मेंद्र सिंह का राजतिलक कर उन्हें राजा बनाया गया है राजा धर्मेंद्र सिंह सकती सियासत के दूसरे दत्तक पुत्र रहे जिन्हें राजा बनाया गया है दूसरा विवाद यह था कि राजा सुरेंद्र बहादुर की धर्मपत्नी रानी गीता राणा सिंह ने धर्मेंद्र सिंह को अपना पुत्र मानने से इनकार करते हुए ना सिर्फ राजतिलक का स्तर पर विरोध किया बल्कि न्यायालय में याचिका लगाकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया जिस पर माननीय जिला न्यायालय जांजगीर ने स्थगन आदेश भी दिया इस सब के बावजूद सुबह राजा धर्मेंद्र का राजतिलक भी हुआ और बड़ी धूमधाम से शोभायात्रा भी निकाली गई
अब देखना यह है कि यह विवादों का ऊंट आगे चलकर किस करवट बैठेगा

