विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ताओं ने वृक्षारोपण कर स्थापना दिवस मनाया।
सक्ति,आज विद्यार्थी परिषद की स्थापना को शानदार ७५ वर्ष पूरे हो गए हैं अर्थात आज हीरक जयंती वर्षगांठ है पर जो दृश्य या उत्साह विद्यार्थी परिषद संगठन की ओर से दिखना चाहिए, जबकि विद्यार्थी परिषद पृष्ठभूमि के लोग आज देशप्रदेश में सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण किरदार में है फिर यह उत्साहविहीन दृश्य समझ से परे है यह बात बताते हुए विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवम् उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि यह संगठन छात्रों की मसलों के निवारण हेतु एकमात्र छात्र संगठन है जो छात्र शक्ति ही राष्ट्रशक्ति है, जिसका मूलभाव है तथा संगठन का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।
विदित हो कि अपने स्थापना काल से ही संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने छात्र-हित से लेकर भारत के व्यापक देश हित की समस्याओं के लिए आंदोलन का आगाज किया है, यथा बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ और कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए विद्यार्थी परिषद् ने प्रभावी आंदोलन किया तथा बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध परिषद् ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के हीरक जयंती वर्षगांठ पर संगठन के सक्ती इकाई पूर्व अध्यक्ष अंकित अग्रवाल ने बताया कि विद्यार्थी परिषद शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करने के अतिरिक्त अलगाववाद, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ लगातार संघर्षरत रही है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ७५ वीं वर्षगांठ पर संगठन के सभी वर्तमान एवम् भूतपूर्व साथियों को हार्दिक बधाई देते हुए कार्यकर्ताओं ने स्थापना दिवस पर वृक्षारोपण किया तथा सबने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हीरक जयंती वर्षगाठ पर संगठन के ध्येय, ज्ञान शील_ एकता के भाव के साथ नई पीढ़ी को संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया ताकि देश के पुनर्निर्माण में युवाओं की दमदार भूमिका सुनिश्चित हो। इन पलों में विद्यार्थी परिषद के पूर्व अध्यक्ष द्वय आनंद अग्रवाल व ओमप्रकाश राठौर के साथ अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।