ऑटो में बैठकर कांग्रेस और भाजपा का समीकरण न बिगाड़ दें दो बागी।
श्याम सुंदर अग्रवाल एवं संजय रामचंद्र के मिलने से बदल सकती है शक्ति की राजनीतिक तस्वीर।
शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष पद हेतु दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है घोषणा के साथ ही विरोध के सुरभि उठने शुरू हो गए हैं जहां भाजपा प्रत्याशी के विरोध में कल भाजपा जिला उपाध्यक्ष एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष संजय रामचंद्र द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिया गया था वही आज सुबह कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा होने के साथ ही कांग्रेस की टिकट की एक और दावेदार पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल के विरोध की बात भी जोर पकड़ते जा रही है ।
ज्ञात हो की श्याम सुंदर अग्रवाल द्वारा अपना नामांकन भर दिया गया है जिसमें उन्होंने पहली पसंद कांग्रेस के हाथ छाप तथा दूसरी पसंद ऑटो रिक्शा छाप तथा तीसरे में सिटी छाप का चयन किया गया है अगर उन्हें कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ऑटो रिक्शा या सिटी छाप से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर वह निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस पार्टी के लिए काफी बड़ा झटका साबित हो सकते हैं इसके अलावा अगर संजय रामचंद्र उनका समर्थन कर दें तो वे दोनों मिलकर दोनो राष्ट्रीय दलों कांग्रेस तथा भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
उल्लेखनीय है की छोटा नगर पालिका क्षेत्र होने की वजह से सभी आपस में एक दूसरे से काफी नजदीकी रहे हुए हैं और राजनीति के अलावा सामाजिक तौर पर भी दोनों काफी नजदीकी रह चुके हैं यहां देखने लायक बात होगी कि संजय रामचंद्र बागी बनाकर स्वयं चुनाव लड़ते हैं या फिर कांग्रेस अथवा श्याम सुंदर अग्रवाल को समर्थन देते हैं संजय रामचंद्र का कांग्रेस को समर्थन देना कुछ मुश्किल साबित हो सकता है परंतु श्याम सुंदर अग्रवाल को अगर मैं समर्थन देते हैं तो शक्ति की राजनीति के तस्वीरकाफी बदल जाएगी।