आपसी खींचतान में उलझा डॉ भीमराव अंबेडकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला आड़ील । जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की भी उड़ रही धज्जियां।





शक्ति के जिला बनने के बाद हर क्षेत्र में राजनीति और ज्यादा बढ रही है ऐसा ही एक उदाहरण शक्ति जिले के मालखरौदा विकासखंड के ग्राम ऑडील में स्थित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नजर आया है जहां जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की 8 महीने बाद तक भी प्रभारी प्राचार्य को वित्तीय प्रभार नहीं सोपा गया है।


मामला कुछ इस प्रकार है कि शैक्षणिक वर्ष 2024 –25 में दिनांक 28 10 2024 को विद्यालय के 16 व्याख्याता तथा शिक्षकों द्वारा तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य शिव कुमार गवेल के विरुद्ध लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को 13 बिंदुओं का एक शिकायती पत्र भेजा गया जिस पर 9/11/2024 को जांच के पश्चात दिनांक 12 नवंबर 2024 को तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी एन के चंद्रा द्वारा एक पत्र जारी कर डा भीमराव अंबेडकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य शिवकुमार पटेल को तत्काल मालखरौदा विकासखंड के अंतर्गत ही आने वाले ग्राम सुलोनी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यभार संभालने का आदेश दिया इसके पश्चात डॉ भीमराव अंबेडकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत व्याख्याता देव कुमार साहू को वहां का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त कर उन्हें प्रभार सौंपने का आदेश किया परंतु शिवकुमार गवेल द्वारा उन्हें प्रभाव नहीं सोप गया जिस पर ग्राम पंचायत के सरपंच सहित कई लोगों ने मिलकर पंचनामा कर देव कुमार साहू को प्रभावित किया परंतु उन्हें वित्तीय प्रभार आज पर्यंत नहीं मिला इस विषय में शाला के प्रभारी प्राचार्य कई बार उच्च अधिकारियों तक पूर्ण प्रभाव न मिलने की जानकारी दी उसके बावजूद आज तक उन्हें प्रभार प्राप्त नहीं हुआ है


शाला के कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार पूर्व प्राचार्य शिवकुमार गबेल स्थानांतरण के पश्चात भी स्कूल के सभी पंजीतो को अपने पास घर में रखते थे एवं शाला की एक अलमारी में रखे हुए दस्तावेजों को भी स्थानांतरण के पश्चात भी बार-बार जाकर निकाल कर लाना ले जाना कर रहे थे जिस पर प्रभारी प्राचार्य देव कुमार साहू द्वारा पंचनामा कर उसे अलमारी को सील कर दिया गया ताकि शाला के संबंधित दस्तावेज एवं पंजी वहां से आना-जाना ना हो सके। इस विषय पर जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो वह अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थी और उनसे मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की
