शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर माल वाहक पिकअप वाहन में 40 से अधिक छात्र छात्राओं को ले जाया गया भेड़ बकरियों की तरह





मयंक शर्मा – जशपुर नगर ब्यूरो चीफ
कोतबा:-शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर माल वाहक पिकअप वाहन में 40 से अधिक छात्र छात्राओं को भेड़ बकरियों की तरह उड़ीसा के मासाबीरा पर्यटन स्थल ले जाने की तस्वीरें स्थानीय शोसल मीडिया में वायरल हो रही हैं।जबकि यह शैक्षणिक भ्रमण रविवार छुट्टी के दिन लिये जाने की बात सामने आ रहीं हैं.जबकि शोसल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीरों में तीन शिक्षक भी शामिल थे.जिसमें से एक कि तो तस्वीर भी सामने आई है। इस दौरान सभी छात्र छात्राओं को एक साथ पिकअप वाहन में ले जाया गया.और उनके साथ आने जाने के दौरान कोई एक भी शिक्षक शिक्षिका शामिल नहीं थी।मामले को लेकर जब संस्था के प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुये.जानकारी नहीं होने के साथ साथ अनुचित बताते हुये शर्मनाक बताया।

मामला जिले के फरसाबहार विकाशखण्ड के तुमला हाई स्कूल का है।जो बीते रविवार घटित हुआ।
विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी और शोसल मीडिया में वायरल हो रहीं तस्वीरों के मुताबिक सभी छात्र छात्राओं से 150-150 रुपये शैक्षणिक भ्रमण के नाम पर लिये गये थे।जिसमें यहां अध्यनरत 12 वीं के बालक बालिका शामिल हुये थे।बिडंबना है कि शिक्षा विभाग से जुड़े इसी संस्था में अध्यापन करा रहे शिक्षक अमित चौधरी अतिथि शिक्षक,हरिशंकर पंडा व्याख्याता संस्कृत,अनूप मिंज व्याख्याता अंग्रेजी भी शामिल हुये थे।लेकिन कोई भी शिक्षक इन बालक बालिकाओं के आने जाने के दौरान शामिल नहीं हुये लेकिन पिकनिक स्पॉट में ये तीनो शिक्षक नजर आये।

अब इसे लेकर लोगों सहित अध्यापन कर रहे बालक बालिकाओं के परिजन विद्यालय के इन शिक्षकों को लेकर तरह तरह के आरोप लगाकर बच्चों के जीवन से खिलावाड़ बता रहें है.तो दूसरी तरफ शिक्षकों के कार्यप्रणाली को लेकर लोग गंभीर आरोप लगा रहें है।लोगों का कहना है कि शैक्षणिक भ्रमण की जानकारी जब संस्था के प्राचार्य को भी नहीं हैं.तो इन तीनों शिक्षक कैसे शामिल हुये।लोगों का कहना है कि मान लेते है कि वे शिक्षक बच्चों को नही बरगलाए होंगे तो उन तीनों का पहुँचना अपने परिवारजनों के साथ होता.लेकिन ऐसा नहीं हुआ।बल्कि तीनों शिक्षक एक साथ वहां पहुँचे।शिक्षकों ने अपनी जवाबदारियां भी निभाई होती तो कम से कम एक शिक्षक को बालक बालिकाओं के साथ आने जाने वक्त रहना चाहिये था।लेकिन उन्होंने कोई जवाबदारी नहीं निभाई.अगर आते जाते वक्त माल वाहक जैसे वाहन में 40 से 42 बच्चें किस कदर गये होंगे वो भी लड़के लड़कियां एक साथ अगर किसी प्रकार से दुर्घटना या अपघटित घटनाएं होती तो इसके कौन जिम्मेदार होता।
