IPL शुरू हुए हो गए 15 दिन परंतु सट्टे के गढ़ में एक भी मामला नहीं,पुलिस की नाकामी या संरक्षण





पुलिस सतर्क है आधुनिक उपकरणों के कारण सटोरिया बचे हुए हैं पर ज्यादा समय बचेंगे नहीं– प्रवीण सिंह राजपूत थाना प्रभारी शक्ति
शक्ति पूरे जिले में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में सट्टे के नाम से कुख्यात है परंतु आईपीएल चालू होने के 15 दिनों के बाद तक किसी प्रकार का क्रिकेट सट्टे का कोई मामला नहीं बना है जो संदेह को जन्म दे रहा है कि पुलिस इस मामले में नाकाम साबित हो रही है या फिर सटोरियों को संरक्षण दे रही है, शक्ति के बारे में बताया जाता है कि यहां गली गली में सट्टे का बाजार लगता है उसके बावजूद आईपीएल के चालू होने के 15 दिनों और 19 मैच पूरे हो जाने के बाद तक सट्टा संबंधित एक भी मामला शक्ति थाने में दर्ज नहीं हुआ है जबकि शक्ति जिला खासकर शक्तिनगर और नजदीकी नगर बाराद्वार में सटोरियों की भरमार है। पिछले हुए सभी मैचों में हर मैच में लाखों से करोड़ों तक के दांव लग चुके हैं जिसमें कई युवा बर्बाद हो रहे है, परंतु पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली आज इतने सवाल है क्या पुलिस नाकाम हो रही है या फिर पुलिस इन सटोरियों को संरक्षण दे रही है। यह बात सही है अब सटोरिए काफी हद तक हाईटेक हो चुके है स्थान बदल बदल कर खाईवाली कर रहे हो कुछ लोग तो शक्ति शहर छोड़कर बाहर जाकर सट्टे का काम कर रहे हैं कुछ कारों में तथा अन्य वाहनों में और कुछ दूसरे नए ठिकाने पर जाकर काम कर रहे हैं परंतु पुलिस के पास भी आधुनिक संसाधनों की कमी नहीं है जहां तक पुलिस बल का सवाल है कुछ समय पूर्व तक दो शक्ति में वाकई में पुलिस बल कम था परंतु अभी बंटवारे में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी शक्ति जिले को मिले हैं, अब देखना हैं कि शीघ्र ही बड़ी कार्यवाही नजर आएंगी या फिर वही ढाक के तीन पात रहेगा
