June 27, 2025

छत्तीसगढ़ के विधानसभा सदस्य यूडी मिंज के काम करने के तरीके की  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई सराहना

मयंक शर्मा- जशपुर नगर ब्यूरो चीफ

*विधायक यू.डी. मिंज को थाईलैंड की संस्था एआईपीपी ने भेजा प्रशंसा पत्र और दी बधाई*छत्तीसगढ़ में स्वदेशी लोगों के लिए उत्साहजनक तरीके से काम करने के लिए मिली प्रशंसा*विधायक यू.डी. मिंज ने अंतरराष्ट्रीय संस्था को किया धन्यवाद ज्ञापित कहा ऐसे प्रशंसा से हमारा मनोबल बढ़ता है*

जशपुर:- एशिया इंडिजिनस पीपल्स पैक्ट थाईलैंड के द्वारा छत्तीसगढ़ के विधायक एवं संसदीय सचिव यूडी मिंज को एशिया लैंड फोरम 2021 में छत्तीसगढ़ में स्वदेशी लोगों के लिए  उत्साहजनक कार्य करने के लिए पत्र प्रेषित कर शुभकामना प्रेषित किया है। इस हेतु एआईपीपी के महासचिव जैम एटी एकिनेवे जेम ए सिमरे  की ओर से छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य यू.डी. मिंज को उत्साही शुभकामना संदेश प्रेषित कर उनके कार्यों की सराहना की है।
एशिया इंडिजिनस पीपल्स पैक्ट थाईलैंड ने छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य यू.डी.मिंज को धन्यवाद भी दिया है। उन्होंने शुभकामनाएं संदेश में लिखा कि भारत में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में स्वदेशी लोगों के लिए काम करने के लिए आपका उत्साह बहुत ही सराहनीय और कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आपके काम और मार्गदर्शन से आदिवासी लोगों को राज्य में भूमि अधिकार सहित विभिन्न आंदोलनों में सफलता मिली है। उन्होंने पत्र में लिखा कि हमें उम्मीद है कि स्वदेशी और आदिवासी लोगों के साथ आपका निरंतर जुड़ाव न्याय और सुरक्षित भूमि अधिकारों के लिए उनके संघर्ष को हमेशा सही दिशा प्रदान करेगा। भारत में जनजातीय लोगों की स्थिति का आपका वर्णन अत्यधिक जानकारी पूर्ण और अंतर्दृष्टिपूर्ण था। हम एक बार फिर, एशिया इंडिजिनस पीपल्स पैक्ट और इंटरनेशनल लैंड कोएलिशन की ओर से फोरम में आपके योगदान के लिए तहेदिल से धन्यवाद देते हैं।

सदस्य यू.डी. मिंज ने एशिया इंडिजिनस पीपल्स पैक्ट(एआईपीपी) को प्रशंसा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि संस्था ने मेरे कार्य को सराहते हुए मुझे प्रशंसा पत्र भेजा है यही बड़ी बात है और संस्था के संचालक और उनकी विश्व्यापी टीम को भी धन्यवाद देता जिन्होंने इतनी बारीकी से सर्वे किया और मुझे इस काबिल समझा है। यह मेरे विधानसभा क्षेत्र के जनता मेरे साथी कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का विषय होगा। मेरी शुरुआत से से ही ग्रामीण उत्पादों को एक मंच मिले, स्थानीय फसलों को उचित सम्मान मिले, किसानों को बेहतर मार्गदर्शन मिले जिससे वे आधुनिक कृषि पद्धति को अपनाए। इस क्षेत्र में वन संरक्षण, वनों के महत्व,ग्रामीण क्षेत्रों जल की कमी पर जनचेतना,कृषि, गौठान के महत्व से ग्रामीण कृषकों को जमीनी स्तर पर अवगत करना, सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के कॉन्सेप्ट को बताना, कृषि एवं उद्यनिकी के क्षेत्रों में क्या करना है इस सम्बंध में किसानों को स्वयं अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ प्रशिक्षण, नरवा योजनाओं का क्रियान्वयन, स्थानीय फ़ूड एवं इंडस्ट्रियल पार्क का महत्व लोगों को खुद बताना, साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के स्थान पर एग्रो इंडस्ट्री, हार्टिकल्चर इंडस्ट्री या कहें कि एग्रो इंडस्ट्रीज की स्थापना पर जोर दिया जाना मत्स्य पालन के क्षेत्र में किसानों को जोड़ना कुछ बहुत कार्य तो किया गया है

साथ ही आदिवासी या जनजातीय क्षेत्र की अस्मिता की सुरक्षा के जल जंगल जमीन का एक आंदोलन वर्षों पूर्व से चलाया जा रहा है जो कि हमारी मुख्य प्राथमिकता रही है इसी दिशा में हम काम करते रहे हैं और करते रहेंगे। हमारी सरकार भी इसी दिशा में कार्य करने की मंशा रखकर कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है जिसके परिणाम अब दिख रहे हैं। किसी भी योजना का त्वरित परिणाम नहीँ दिखता लेकिन आशा है कि भविष्य में जरूर लोग इसके लिए हमारी सरकार को आशीर्वाद देंगे। गोबर जिसका महत्व अब छत्तीसगढ़ में बढ़ा है देश विदेश मे इसकी सरहाना हो रही है कोई सोंच भी नई सकता था कि गोबर से बिजली बन सकती है लेकिन हमारे मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की सोंच से अब गोबर से बिजली बन रही है ।किसानों से 2 रुपए किलो गोबर खरीदी कर रही है किसान समृद्ध हो रहा है उसके आजिविका का केंद्र बन गया है। गोठान के माध्यम मल्टीएक्टिविटी गतिविधियों के माध्यम से स्वसहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है इससे एक सुखद अनुभूति होती है। व्यक्तिगत रूप से मैं सभी गौठान की समीक्षा करता हूँ उनका मार्गदर्शन करता हूं उन्हें इसका महत्व बताता हूँ।इन गौठान के माध्यम से आने वाले समय मे पूरा छत्तीसगढ़ जैविक खेती के क्षेत्र में क्रांति लाने की दिशा में बढ़ रहा है।

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