राष्ट्रीय मानवाधिकार व सामाजिक न्याय आयोग द्वारा आयोजित विश्व मानव अधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित





विश्व में मानव सभ्यता के विकास के साथ अपने अधिकार को लेकर मनुष्य में परस्पर द्वंद की स्थिति निर्मित होना स्वाभाविक था तब समाज के बुद्धुजीवियों के समक्ष लोगों के अधिकारों के संरक्षण के लिए परस्पर कर्तव्यों की विवेचना उपरांत पहल करते हुए सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसंबर 1948 को विश्व मानव अधिकार आयोग की स्थापना की, तब से आज के दिन पूरे विश्व में मानव अधिकारों पर परिचर्चा के साथ बदली हुई परिस्थितियों में मानव अधिकारों के संरक्षण को लेकर समोचित कदम उठाया जा रहा है- यह बात कहते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार व सामाजिक न्याय आयोग द्वारा आयोजित विश्व मानव अधिकार दिवस के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के अधिवक्ता चितरंजय सिंह पटेल ने मानव अधिकार व सामाजिक न्याय आयोग, सक्ती के कार्यकर्ताओं को बधाई देकर समाज सेवा के इस पुनीत कार्य को ईमानदारी से निभाने का आग्रह किया।

इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन करते हुए जिलाध्यक्ष महेंद्र बरेठ ने संगठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए नवीन जिला सक्ती में शीघ्र संगठन के गतिविधियों को पंचायत स्तर पर पंहुचाने का आग्रह करते हुए नवीन सदस्यता के बाद जिला समिति के पुनगर्ठन पर बल दिया।
आज जिले के विभिन्न स्थानों से पधारे मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने मुख्य अतिथि से वन टू वन चर्चा कर महिला व उपभोक्ता संबधी कानूनों की जानकारी लिया और आभार व्यक्त किया कि हमें पहली बार सहज सरल भाषा में विस्तार पूर्वक मूल अधिकारों के साथ ही प्रतिदिन के लिए आवश्यक कानून व नियमों की जानकारी प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा देव पूजन व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। आज इस अवसर पर मालखरौदा, जैजैपुर, डभरा तथा बाराद्वार- सक्ती के मानव अधिकार महिला- पुरुष कार्यकर्ताओं की गरिमामय उपस्थित रही।
