September 16, 2024

साहित्य कला के धरोहर: डॉक्टर रमाकांत सोनी एवं संगीत के अराधक संगीताचार्य वेदराम यादव सम्मानित होंगे।

जांजगीर-चांपा न्यूज़ । चयनित साहित्यकारों और समाजसेवियों को शील साहित्य परिषद, जांजगीर द्वारा हांटल दीवान इन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 20-10-2021 को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें गघ, साहित्य,छंद,कथा कहानी,नारी चेतना,शिक्षा,हास्य व्यंग, संगीत-कला,लोकनिधि, लोककला, सृजनात्मक लेखन और निबंध में विशिष्ट योगदान देने वाले चयनित लोगों को सम्मानित किया जाएगा । इस गरिमामय आयोजन के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ डॉ चरणदास महंतजी होगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जयसिंह अग्रवाल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन छत्तीसगढ़ शासन होगे। जांजगीर-चांपा जिले के विधायक नारायण प्रसाद चंदेल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।


अक्षर साहित्य परिषद के उपाध्यक्ष शशिभूषण सोनी ने बताया कि छत्तीसगढ़ अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार,कवि,लेखक पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना जीवन शुरू करने वाले डॉक्टर रमाकांत सोनीजी को स्वर्गीय भरतलाल आदित्य स्मृति लोकनिधि सम्मान उनकी छत्तीसगढ़ी भाषा में साहित्य-कृति हाना के लिए दिया जा रहा हैं। डॉ सोनी जी अक्षर साहित्य परिषद के संस्थापक और वर्तमान मान संरक्षक के पद पर आसीन हैं। डॉ• रमाकांत सोनी को लोकनिधि सम्मान मिलने की खबर से परिषद में हर्ष व्याप्त हैं। परिषद के अध्यक्ष रामनारायण प्रधान ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा छत्तीसगढ़ी भाषा को राजभाषा घोषित होने के बाद भी हमारी भाषा उपेक्षित हैं। छत्तीसगढ़ी को ना तो शिक्षा के क्षेत्र में उपादेयता दी जा रही हैं और ना ही सरकारी काम-काज में पारदर्शिता लाई जा रही हैं। ऐसे में शील साहित्य परिषद के द्धारा लोकनिधि सम्मान डॉ रमाकांत सोनी और परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष वेदराम यादव को शेषनाथ शर्मा कलानिधि सम्मान दिया जा रहा हैं। वेदराम यादव जी को संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कृति संगीत के स्वर वेदस्वरा पर प्रदान किया जा रहा हैं। शिक्षक प्रह्लाद वैष्णव ने बताया कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहने वाली सरकार को भी छत्तीसगढ़ी साहित्य को समृद्ध करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना चाहिए। सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार महेश कुमार राठौर जी ने कहा कि डां सोनी एवं वेदराम यादव जैसे कर्मनिष्ठ दिव्य व्यक्ति को सम्मानित करना गौरव की बात हैं। निराला साहित्य मंड़ल के प्रधान सचिव रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि सुयोग और पुरुषार्थी व्यक्ति वास्तव में सम्मान के हकदार हैं। अधिवक्ता महावीर प्रसाद सोनी ने कहा है कि साहित्यिक चेतना से मनुष्य का अंतःकरण जागृत और विशाल हो जाता हैं।

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