बैंक ऑफ बड़ौदा शक्ति शाखा का चमत्कार, खुली सड़क किनारे चबूतरे में हो रहा भुगतान।






बिना सुरक्षा के मुख्य मार्ग के किनारे हजारों लाखों रुपए का किया जा रहा है भुगतान।
कहा जाता है कि निजी बैंकों में शासकीय बैंकों से ज्यादा सुविधाएं प्राप्त होती है जिसके एवज में वे शुल्क भी ज्यादा लेते हैं परंतु शक्ति की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में आज एक अद्भुत नजारा नजर आया जहां बैंक से पैसे निकालने आए ग्रामीणों को बैंक के बाहर चबूतरे ने बैठे दो दो महिलाएं जो लैपटॉप लेकर बैठी हुई थी आधार कार्ड से पैसे निकाल रहे थे जबकि ब्रांच के अंदर का नजारा खाली पड़ा था ।

पता करने पर जानकारी मिली कि कुछ लोगों द्वारा उन महिलाओं से पैसे निकलवाने पर कुछ अतिरिक्त पैसे भी दिए गए हैं पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सीएससी सेंटर चलाने वाले हैं परंतु अगर वह सीएससी सेंटर वाले हैं जी तो उन्हें अपने सेंटर पर ही आधार कार्ड से पैसे निकालने चाहिए ना की शाखा के बाहर सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि इन सब चीजों में बैंक प्रबंधन का समर्थन उन महिलाओं को प्राप्त था

बैंक के शाखा प्रबंधक से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि बैंक की शाखा में भीड़ ज्यादा होने की वजह से लोगों की सुविधा के लिए यह कार्य किया जा रहा है परंतु सुविधा से ज्यादा लोगों को असुविधा मिल रही है क्योंकि भरी दोपहरी में तपती धूप में लोग खड़े होकर पैसे निकलवा रहे हैं और साथ ही अतिरिक्त पैसे भी दे रहे हैं अगर अतिरिक्त पैसे लेने का आरोप गलत भी है तो भी इस प्रकार की हरकत बैंक की प्रतिष्ठा को प्रभावित करती है,इसके अलावा उनके आधार कार्ड का कहीं कोई गलत उपयोग होने के लिए संभावना बनी हुई है यहां विशेषता क्या है की इन पैसों के भुगतान जहां हो रहा है वहां किसी प्रकार की कोई सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं थी हजारों लाखों का लेनदेन जिस स्थान पर हो रहा है उस स्थान पर किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था ना होना और लगभग खुली सड़क पर इस प्रकार का कार्य करना किस हद तक निंदनीय है यह विचारणीय प्रश्न है

उस पर बैंक प्रबंधन द्वारा उनका समर्थन करना और भी अत्यंत शर्मनाक नजर आ रहा है अगर बैंक प्रबंधन इतने खातों को मेंटेन नहीं कर पा रहा है तो उन्हें अपने खाते बंद करके लोगों को दूसरे बैंकों की तरफ भेज देना चाहिए या फिर सर्व सुविधा युक्त बैंक भवन की तलाश कर वहां बैंक की शाखा प्रारंभ करनी चाहिए।
