देश की रक्षा में जान लुटाने वालों को भी नहीं बख्श रहे लोग।





फर्जी हस्ताक्षर से सैनिक की जमीन पर किया कब्जा।
देश की रक्षा के लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाले सैनिकों को दी जाने वाली जमीनों पर भी अब भू माफियाओं की नजर घटने लगी है ऐसा ही एक मामला शक्ति कलेक्ट्रेट में आया जब अपने सैनिक पिता की जमीन को फर्जी ढंग से रजिस्ट्री करवा लेने की शिकायत करने सैनिक की पुत्री ने कलेक्टर से गुहार लगाई।
कलेक्टर से शिकायत करने पहुंची पूर्व सैनिक की पुत्री ने शिकायत में कहा है कि स्वर्गीय मालिक राम साहू भूतपूर्व सैनिक रहे थे जो सेवानिवृत्त होने की आवाज में शासन से प्राप्त दौड़ जी पटवारी हल्का नंबर 15 में भूमि खसरा नंबर 7/2, 38/2, रकबा 0.30 2.00 एकड़ भूमि को आदेश दिनांक 05/071968 मूल की नंबर 1—34/1967—68 के अनुसार कास्तकारी किया गया है तथा मालिक राम को दिया है

उक्त भूमि तब से अभी तक घर के पिता स्वर्गीय मालिक राम के नाम पर दर्द चला रहा था जिस पर रितिका के पिता खेती-बाड़ी करते आ रहे थे आगे दिखा के पिता मालिक राम साहू के मृत्यु 7 जून 2004 को हो गई मालिक राम साहू की मृत्यु प्रशासन से प्राप्त भूमि को फर्जी हस्ताक्षर कर रजिस्ट्री बैनामा के जरिए 7 सितंबर 1976 को ₹3000 में हरी राम साहू निवासी ग्राम डोडकी के द्वारा क्रय किया जाना बताया जा रहा है। जो वर्तमान में हरी राम के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज बता रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि मेरे पिता ने उक्त भूमि पर जीवित रहते का खेती किया पिता की मृत्यु के पश्चात उक्त भूमि पर खेती नहीं कर रहा था क्योंकि सैनिक की सिर्फ एक ही बेटी जिसकी शादी हो चुकी है सैनिक की बेटी अपने पिता के खेत पहुंची द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया जिस से आहत होकर ग्राम सकर्रा निवासी 46 वर्षीय सैनिक की पुत्री पीली बाई उक्त मामले को शिकायत को लेकर जनदर्शन में पहुंची और आवेदन दिया। अब यह विचारणीय है कि देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों के साथ अगर इस प्रकार की जैसा भी हो सकती है तो आम आदमियों के साथ क्या होता होगा।
