वन विभाग द्वारा बनाए गए डाइट में लंबा झोलझाल, एक वर्ष भी नही चला लाखो का डाइट





सुनीता सिंह राजपूत – गरियाबंद ब्यूरो चीफ
गरियाबंद। वनमंडल के गरियाबंद वन परिक्षेत्र द्वारा पानी के संरक्षण के लिए लाखों रुपये खर्च कर डाइट के रूप में एनीकेट तो बनाया गया था ,लेकिन लाखो रुपये से बना ये डाइट एक बरसात को नही सह पाया और टूटकर बह गया जो बरसात बीत जाने एक माह बाद भी नही सुधारा गया और यू ही टुटा हुआ पड़ा है।

ज्ञात हो कि वनपरिक्षेत्र गरियाबंद द्वारा गरियाबंद जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर टोहनी नाला के ऊपर पानी के संरक्षण को लेकर लाखो रुपये खर्च कर डाइट ( एनीकेट ) का निर्माण 2021 में ही किया गया है ,इस डाइट निर्माण का मुख्य उद्देश्य नाले में जमीन के अंदर बहने वाला पानी की रोकना है ताकि इससे पानी का संरक्षण हो और पानी का जलस्तर बढ़ सके ।लेकिन वह विभाग द्वारा बनाया गया ये डाइट मार्च अप्रैल में बनकर तैयार हुआ है और उसी बरसात के अगस्त सिम्बर के बरसात में डाइट के दोनो किनारे टूटकर बह गया ।
और इस बारे में गरियाबंद रेंजर पुष्पेन्द्र साहू से बात करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा बोला गया कि हमारा डाइट एंनिकेट सही बना है उसमें किसी तरह का कोई खराबी नहीं है कौन उसे खराब बोलता है कहकर फोन काट दिया गया
लेकिन उस टूटे डाइट को सुधारने की फुर्सत वन विभाग को अभी तक नही हुआ है ,या शायद वह विभाग को और बजट का इंतजार होगा उस डाइट को सुधारने के लिए। गौरलतब है कि वन विभाग का मुख्य कार्य वनों की सुरक्षा वन्य प्राणियों का संरक्षण होता है , लेकिन गरियाबंद वनमंडल के हर परिक्षेत्र में देखा जा रहा है कि वन विभाग के जुम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अब के समय मे केवल भवन निर्माण पुल पुलिया निर्माण या सड़क निर्माण में ही अपनी दिलचस्पी दिखा रहे है । जबकि वनों से जुड़े लकड़ी की तस्करी ,वन्य प्राणीयो के खाल की तस्करी य वन्य जीवों की तस्करी के आरोपी को पकड़ने में वन विभाग से ज्यादा पुलिस विभाग अपना फर्ज निभाते हुए आरोपियों को पकड़ रहे है ।
