चांपा में चल रही श्री राम कथा, बड़ी संख्या में लोग ले रहे हैं कथा का आनंद
शशिभूषण सोनी
जांजगीर-चांपा । कंचन की नगरी चांपा धार्मिक वातावरण से सराबोर हैं। सुबह-सुबह कथा परिसर में दर्शन-पूजन और सायंकालीन बेला में श्रीरामचरित मानस पर आधारित रामकथा की अनुगूंज सुनाई दे रही हैं।
श्रद्धालु भक्त वृन्दो के साथ-साथ सामाजिक, राजनैतिक एवं धार्मिक भावना रखने वाले विभिन्न वर्ग के लोग प्रवचन सुनने शामिल हो रहे हैं। आज श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंड़ित प्रकाश कृष्ण महराजश्री को सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
इस देश में अनादिकाल से भगवान् श्रीराम का प्राकट्य उत्सव मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मदिवस रूप में मनाया जाता हैं। मर्यादित जीवन का सबसे सुंदर उदाहरण हमें श्रीरामचंन्द्र जी के जीवन दर्शन से ही प्राप्त होता हैं। नवमी के दिन भगवान चार भुजाओं को लेकर प्रकट हुए। पुत्र की तरह भगवान रोए। उनके घर में चार पुत्रों का जन्म हुआ- रामचंद्र, लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न। गुरूकुल के शिक्षा-दीक्षा से लेकर गुरू आश्रम की रक्षा करने का दायित्व बालक राम ने अच्छे ढंग से निभाया और राजा दशरथनन्दन के ज्येष्ठ पुत्र रत्न के रूप में जीवन धर्म निभाया।
आगे कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए पंड़ित वैष्णव महराज जी ने कहा कि जीवन को सफल बनाना हैं तो मनुष्य को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवनशैली को अपनाना होगा। रामचंद्रजी जो भी कार्य करते थे उससे दूसरों का उद्धार होता था। प्रभु जीवन में हमें सन्मार्ग दिखाया।उसी परमात्मा की लीलाओं को हम परोस रहे हैं। रामकथा में कई ऐसे पड़ाव आए जहां श्रवण करने से शिक्षा ही शिक्षा लोगों को मिलती हैं। रामचंद्र जी ने हमेशा-हमेशा बड़े-बुजुर्गों को सम्मान दिया, सामान्य मनुष्य की कद्र की पशु-पक्षी,जानवर सभी को अपना सहयोगी माना और बुराईयों का अंत कर हमेशा ज्ञानघाट के वक्ता बनें रहे। स्वार्थ को छोड़ो और परमात्मा को अपनाओं। भगवान के ऊपर असीम कृपा हैं। तन में जब-तक प्राण हैं मन को भगवान की भक्ति में लगाओं।मन की एकाग्रता अगर सही है। ध्यान परमात्मा में लग जाए तो जीवन सफल हो जायेगा । भगवान् की कृपादृष्टि मिलने से ही जीवन सफल हो जाता हैं।जीवन में भोजन और भजन दोनों आवश्यक हैं। भक्ति और मुक्ति के लिए भजन-कीर्तन अवश्य करें।
प्रगतिशील स्वर्ण एवं रजत समिति के सचिव शशिभूषण सोनी ने बताया कि पंडित वैष्णव जी ने बहुत ही सुंदर ढंग से भगवान रामचन्द्र जी के जन्म बाल लीलाओं,मनु,जटायु प्रसंग, महाप्रसाद, चतुर्मास,व्रत,संत चरित्र,महा प्रतापी भानु और राम जन्म पर बधाई गीत गाकर सबको भाव-विभोर कर दिया। आकर्षण का केंद्र राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न बने छोटे-छोटे बच्चे रहे। इस अवसर पर श्री रामकथा श्रवण करने विशेष आमंत्रण पर श्रीमद्भागवत कथा विदुषी महिला श्रीमती सविता गोस्वामी, वृंदावन से पहुंची। लोग रामकथा श्रवण कर नृत्य भी कर रहे हैं। कड़ी ठंड में भी श्रोतागण देर शाम एवं कथा के अंत तक इस संगीतमय श्रीराम कथा का प़वचन सुनने के लिए उमड़ रहे हैं। मुख्य यजमान के रुप में श्रीमति ममता सोनी व कोमल सोनी थे। कथा श्रवण करने के लिए अमरनाथ सोनी, सत्यनारायण,शरद, द्धारिका, कृष्ण गोपाल, श्याम लाल, लखनलाल, अशोक, अधिवक्ता महावीर प्रसाद, कार्तिकेश्वर,प्रीति,सुशीला देवी,कमला, गेदलाल, राजेश,धीरज,कोमल, हीरालाल, अर्जुन, हरिशंकर, शशिभूषण सोनी, प्रशांत तिवारी, डॉक्टर शांति,शिवराम, सुनील कुमार, विनोद, मधुसूदन, गोस्वामी,लक्ष्मी पटेल, श्रीमति अन्नपूर्णा, शशिप्रभा सोनी, रामकुमारी, गीता,पिंकी, ममता, मधु, मंजू, किरण,शशि, गायत्री,राजकुमारी सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।