टेमर में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ





सक्ती । ग्राम टेमर में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ हुआ। कलश यात्रा में ग्राम के सैकड़ों श्रद्धालु स्त्री-पुरुषों ने भाग लिया और संकीर्तन व जयकारा के साथ जल देवता की पूजा अर्चना कर कलश धारण किए। यज्ञ के प्रथम दिन आचार्यों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार सहित वेदियों की प्रतिष्ठा कराई गई।

व्यासपीठ से छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भागवताचार्य राजेन्द्र महाराज के द्वारा भागवत महात्म्य का सरस वर्णन कर बताया गया कि भागवत एक आध्यात्म दीप है, जो मनुष्य के जीवन लक्ष्य को प्रकाशित कर भगवत परायण बनाता है। जन्म जन्मान्तर के पुण्य अर्जित होने पर भागवत की प्राप्ति होती है, यह किसी मनुष्य के केवल पुरुषार्थ का ही नहीं बल्कि उसके भाग्योदय का विषय है।

भागवत मृत्यु को मंगलमय बनाकर गतार्थ को कृतार्थ करती है। इसी सत्कर्म से ही भक्ति देवी के दोनों पुत्रों ज्ञान और वैराग्य की जरावस्था दूर हुई थी , अकाल मृत्यु प्राप्त भयंकर प्रेतयोनि में पड़े धुंधकारी की मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। श्रीमद भागवत साक्षात भगवान का वाङ्गमय स्वरूप है, जिसका श्रवण , गायन और संकीर्तन परम कल्याणकारी है। कलश यात्रा में भाग लेकर सिर पर कलश धारण करना है, यात्रा में पग-पग पर अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर राजेश शर्मा , पं. आकाश दुबे , देवेन्द्र सोनी, चन्द्रकुमार-राजेश्वरी, यशवंत-मंजू, शकुन देवी, दीपक कुमार, प्रिया सोनी, अभिषेक-आरती, आदि अनेक श्रोता उपस्थित थे। श्रीमद भागवत कथा के आयोजक एवं यजमान सुरेश कुमार-श्रीमती सुलोचना, अभिषेक कुमार-श्रीमती रितु सोनी द्वारा अधिकाधिक संख्या में कथा श्रवण एवं सत्संग लाभ प्राप्त करने की अपील की गई।
