राजनीति के कीचड़ में कमल जैसा ही पूर्व विधायक जांजगीर-चांपा : जीवनलाल सावजी ।





शशिभूषण सोनी की क़लम से
हिंदू मान्यता के अनुसार आदर्श व्यक्ति की कभी मृत्यु नही होती, बल्कि उसका पुनर्जन्म होता हैं 16 दिसंबर 1986 को इस दुनिया से विदा लेने से पूर्व सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओं में हर कोई उन्हें जानता और पहचानता था। उन्होंने जनसंघ [ वर्तमान भारतीय जनता पार्टी } को छत्तीसगढ़ अंचल में स्थापित करने के लिए अपनी सेवाएं दी।
अविभाजित मध्यप्रदेश [ वर्तमान छत्तीसगढ़ ] में पार्टी के संगठनात्मक ढांचा को खड़ा करने के लिए अथक परिश्रम किया। आपातकाल में जनांदोलन के कारण मीसाबंदी के तहत् जेल भी गए। हम-सब के प्रेरणास्रोत, पूर्व विधायक श्रध्देय जीवनलाल जी स्वर्णकार विधायकी कार्यकाल- 1962-1967 ] के आज 35- वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। लायंस चौक स्थित जीवनलाल सामुदायिक भवन : चांपा में उनके संगमरमर से बनी हुई प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प किया।

शशिभूषण सोनी ने बताया कि चौदह अप्रैल,1914 को जन्में जीवनलाल सावजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति पारसमय व्यक्तित्व थे। माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, परमपूज्य गुरुजी, मदनलाल शुक्ला, कात्रेंजी, कुशाभाऊ ठाकरे, लखीराम अग्रवाल,अटल बिहारी बाजपेई, बलिहार सिंह, बंशीलाल जायसवाल दामोदर गणेश बापट, डॉ गोदावरीश शर्मा,जंगीराम चंदेल जैसे मनस्वी और तपस्वी लोगों से उनका निकटतम संबंध रहा । पूर्व नपाध्यक्ष रामचरण सोनी के व्यक्तित्व से सदा प्रभावित रहते थे। जीवनलाल साव के छोटे भाई एवं युवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके कार्तिकेश्वर स्वर्णकार के पिताश्री से उनकी जोड़ी राम-लक्ष्मण के समान थी । सन् 1962 के आमचुनाव में जनसंघ ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया और प्रचंड बहुमत से चांपा के विधायक बने एवं सफलता पूर्वक कार्यकाल 1962-1967 पूरा किया।
अपनी विधायकी कार्यकाल के दौरान ‘राजनीति को जनसेवा का माध्यम समझने-बूझने वाले’ जीवन-लाल सावजी श्रेष्ठ सदपुरुष थे ।अपनी विधायकी निधी से प्राप्त पेंशन को उन्होंने दीन-दु:खियों, ग़रीबों के दुःख-दर्द बांटने में लगाया और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में सदैव तत्पर रहते थे।
जीवनलाल साव [ बाबा जी ] कहते थे । वह वाक्य आज भी मुझे याद हैं•••
“•••जनसेवा के जरिए यदि आम लोगों को थोड़ी बहुत भी राहत मिल जाएं तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी! “
स्वर्गीय सावजी! स्वर्णकार समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष [ मुखिया ] के साथ-साथ ग़रीबों और दिन-दु:खियों के सच्चे हितैषी थे। उन्होंने चांपा नगर की जनता-जनार्दन के हितों के लिए बहुत ही अच्छा कार्य करते रहे हैं । वे अपने पैतृक सोने-चांदी के ज़ेवरों के व्यापार को छोड़कर जन-सेवा की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए•••राजनीति में प्रवेश किये थे । उस समय सारे देश में कांग्रेस का बोलबाला था•••अकेले जनसंघी विधायक रहते हुए उन्होंने जो कार्य किया है•• उन्हें भूलाना उचित नहीं होगा । धीर-गंभीर, व्यक्तित्व वाले जीवन लाल सावजी के पुण्यतिथि के अवसर पर मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
