February 11, 2025

अनारक्षित हुआ शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष पद का स्थान,छिड़ेगा भीषण घमासान।

सक्ति –शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष पद अनारक्षित घोषित होते ही नगर में नगर पालिका अध्यक्ष बनने वाले दावेदारों का उत्साह अपने पूरे चरम पर पहुंच गया है वैसे तो शक्ति नगर पालिका में स्थानीय विधायक डॉक्टर चरण दास महंत का फर्स्ट हस्तक्षेप होना लगभग तय माना जा रहा है इसलिए कांग्रेस से नगरपालिका अध्यक्ष की टिकट की दावेदारों में घमासान देखने मिलना तय है शक्ति जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका होने के कारण भी यह सीट डॉक्टर चरण दास महंत के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल बनेगी।

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश गेवाडीन एवम पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष श्रीमती रीना गेवाडीन।


कांग्रेस के दावेदारों में अगर बात की जाए तो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल तथा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश गेवाड़ीन या उनकी पत्नी पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री मती रीना गेवाड़ीन का नाम प्रमुख तौर पर सामने आ रहा है। इनके अलावा कांग्रेस के डॉक्टर महंत गुट से ही निवृत्तिमान नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा जायसवाल के पति दादू जायसवाल,अधिवक्ता संघ शक्ति के कई बार अध्यक्ष रह चुके अधिवक्ता दिगंबर चौबे तथा ईश्वर लोधी जोकी कई बार शक्ति नगर पालिका में पार्षद पद संभाल चुके हैं भी कांग्रेस की टिकट पर अपनी दावेदारी ठोकेंगे इन सबके अलावा शक्ति नगर पालिका के उपाध्यक्ष रह चुके महबूब भाई तथा डा महंत के नजदीकी माने जाने वाले आनंद अग्रवाल भी अपनी ताल ठोकने में पीछे नहीं रहेंगे। वैसे तो कांग्रेस में नए चेहरे को मौका देने की परंपरा नहीं है और वैसा ही अनुमान शक्ति नगर पालिका में लगाया भी जा रहा है इसलिए उक्त नाम में से ही किसी नाम का सामने आना लगभग तय माना जा रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि शक्ति नगर पालिका के क्षेत्र में तो डॉक्टर महंत की मर्जी चलनी तय है लेकिन अगर टिकट बंटवारे में अगर मनमुटाव की स्थिति बनती है और इनमें से कोई बागी उम्मीदवार के तौर पर सामने आ जाएगा तो स्थिति कुछ अलग ही नजर आएगी याद हो कि पिछली बार नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव जो की अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ था उसमें श्याम सुंदर अग्रवाल कांग्रेस से अध्यक्ष पद के सबसे प्रबल दावेदार थे परंतु महंत के समर्थकों के बीच मन मुटाव होने के कारण सुषमा दादू जायसवाल को नगर पालिका अध्यक्ष बनने का मौका मिल गया था, कहीं ऐसा ना हो कि इस बार भी महंत समर्थक आपस में सर फुट्टावल करते रहें और बाजी कोई और ही मार जाए।

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