June 27, 2025

श्रीराम कथा महोंत्सव की रस वर्षा के साथ समापन!रामकथा में पूर्व सांसद जांजगीर-चांपा श्रीमती कमला देवी पाटले का उद्बोधन !

शशिभूषण सोनी,चांपा

हवन-यज्ञ, सहस्त्रधारा और भंड़ारें के साथ रामकथा का विश्राम

जांजगीर-चांपा न्यूज़ । भगवान श्रीराम••• रावण का वध करके अयोध्या वापस आने वाले थे। तब अयोध्या नगरी के सभी भवन फूल-मालाओं, मोती के गुच्छों तथा सुगंधित पांच रंग के पदार्थों के चूर्ण से सज़ा हुआ था।राज मार्गों पर जगह-जगह रंग-बिरंगे चौक पूरे हुए थे और सैकड़ों-हजारों पुरुष, महिलाएं व बच्चें पंक्तिबद्ध होकर प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता के आगयन की खुशी का इज़हार कर रहे थे। उनके आगमन की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी अमावस्या की काली रात में शुद्ध देसी घी के दीप जगमगा उठी थी। भगवान श्रीराम के परम मधुर और परम आनंदकारी स्वरुप और अयोध्या वापस लौटने की खुशी में कथा प्रवचन सुनाते हुए वृदांवन से प्रशिक्षित संत प्रकाश कृष्ण वैष्णव महराजश्री ने श्रीराम कथा महोत्सव के अंतिम दिन रसास्वादन करते हुए कहा । कथा का श्रवण करने का अंतिम दिन होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोतागण पहुंचे थे। एक दिसंबर से आरंभ हुआ रामकथा महोंत्सव दिनांक 10 दिसंबर,2021 को हवन-यज्ञ और भंडारें के साथ समाप्त हुआ ।

साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि श्रीराम कथा महोंत्सव के कारण अमरनाथ सोनी भवन धार्मिक वातावरण से अनुगूंजित रहा । भगवान की कथा के प्यासे आखिर कौन नहीं ? भगवान की कथा का हर प्रसंग सुखदायी हैं और मानव जीवन के लिए सदप्रेरक भी हैं । भगवान की भक्ति और कथा श्रवण करने के लिए अंतिम दिन स्थल पर राम सीता की सुंदर झांकियां सजाई गई। मनमोहक मुस्कान बिखेरनें वाली राजेश-गीता सोनी की पुत्री पूजा भगवान राम के रुप में बहुत ही सुंदर दिख रही थी । वही धीरज पिंकी की गौर वर्ण की सुपुत्री ईशीता सीता के रुप में आकर्षण का केंद्र थी। अपने बीच राम-सीता का दर्शन-पूजन करनें के लिए लोग उमड़ पड़े थे। अनन्य भाव से कथा सुनकर प्रदिक्षिणा भेट कर आशिर्वाद ले रहे थे । आचार्य श्री वैष्णव महराजजी ने कुंभकर्ण, मेघनाथ,रावण-वध और भगवान राम के राज्याभिषेक का वर्णन किया ।

उन्होंने भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन की विस्तारपूर्वक कथा और उपस्थित लोगों ने भगवान राम और सीता का राजतिलक किया । कंचन की नगरी चांपा में श्रीराम कथा महोत्सव के अंतिम दिन [ नवे दिन ] जांजगीर-चांपा जिले की दो बार सांसद रह चुकी श्रीमती कमला देवी पाटले अपने व्यस्त कार्यक्रमों में से समय निकालकर पतिश्री के साथ कथा श्रवण करने पहुंची । एक घंटे तक उपस्थित होकर वैष्णव महराजजी के मुखारविंद से रामकथा श्रवण किया। मुख्य यजमान कोमल- ममता सोनी ने राम दुपट्टा पहनाकर स्वागत सम्मान किया। अपने उद्बोधन में पूर्व सांसद महोदया ने श्रीराम के जीवन-प्रवाह को अपने जीवन में उतारने की बात कही, जिससे लोग धर्म की ओर अग्रसर हो सके।
उन्होंने कहा कि अगहन मास में अमरनाथ सोनीजी के निवास स्थल पर रामकथा का प्रवचन हो रहा है। उपस्थित सभी श्रोतागण को मेरा प्रणाम ।

रामकथा के व्यासपीठ पर बैठे प्रकाश कृष्ण महराज जी के मुखारविंद से अमृत की वर्षा हो रही हैं । जब भी कोई पुण्य कार्य होता हैं तब भगवान की कथा होती हैं । स्थल पर उमड़ा जनसैलाब श्रृद्धालुओं की भक्ति-भाव को दर्शाता हैं। श्रीमती पाटले पूर्व सांसद महोदया ने कथा श्रवण कर प्रकाश कृष्ण महराजजी से आशीष प्राप्त किया । आचार्य वैष्णव महाराज जी ने अहिरावण का उद्धार, रामचंद्र जी का गुणगान, रावण की सेना पर प्रभाव, रावण-कुंभकर्ण संवाद, रावण से विभीषण का वाक युद्ध के पश्चात् घर छोड़कर राम की शरण में आना, राम-रावण युद्ध का विशद वर्णन किया । राज्याभिषेक के हर्षित बेला में राम-दरबार की झांकियां सजाई गई । लोग अद्भुत दृश्य को देखकर उल्लासमय वातावरण में झूमते, गाते और नृत्य करते रहे। गृहस्थ संत वैष्णव जी महराज के प्रवचन एवं श्रद्धालुओ के उमड़े भीड़ को देखते हुए गीतकार ओम, आर्गन पर राजा श्रीवास, तबला वादन पर श्रीराम, गिटार में धरमलाल कौशिक एवं साथी लक्ष्मी पटेल ने गीत और संगीत से समां बांध रखा था ।
आगंतुक अतिथियों कमल देवांगन, रामा थवाणी, कार्तिकेश्वर स्वर्णकार,संतोष, शिवराम, शशिभूषण सोनी, डॉक्टर रमाकांत, राजेन्द्र सिंह ठाकुर का सोनी परिवार के जय कुमार, राजकुमार, हरिहर, सत्यनारायण,राजेश और धीरज सोनी ने स्वागत किया।

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